चीख
एक पुराने मोहल्ले में...
एक दुबला-पतला लड़का "अहमद" एक सपना बोता है"
सूखी, गरीबी और निराशा से भरी ज़मीन पर...
जब उसका पिता भाग्य के बोझ तले गायब हो जाता है...
और पुराना तराज़ू अधूरे वादे का मौन गवाह बन जाता है.
यह यात्रा है प्यार की ताकत की...
जो एक छोटे से दिल को दुनिया के तूफानों के सामने खड़ा करती है.
चीख सिर्फ गरीबी की कहानी नहीं...
यह उन लोगों की कहानी है जिन्हें कोई उठाता नहीं...
फिर भी वे उठ खड़े होते हैं...
जिनके कंधे टूट चुके हैं...
फिर भी उनके दिल उजाले की ओर रास्ता खोदते हैं.
यह कहानी है एक छोटे हाथ की...
जो ज़मीन को जोतता रहता है...
जब सब मान चुके थे कि फसल खत्म हो गई है.
स्वागत है उस दिल की यात्रा में...
जो कभी नहीं टूटा.